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व्यक्ति के गुह्यतम मनोवैज्ञानिक चरित्र-चित्रण के लिए सिद्धहस्त प्रख्यात लेखक भगवतीचरण वर्मा ने इस उपन्यास में शरीर की भूख से पीड़ित एक आधुनिक, लेकिन एक ऐसी असहाय नारी की करूण कहानी कही है जो अपने अंतर के संघर्षो में दुनिया के सब सहारे गँवा बैठी। रेखा ने श्रद्धातिरेक ...
प्रस्तुत पुस्तक 'पतन' वर्मा जी का प्रथम उपन्यास है जिसकी रचना उन्होंने अपने कालेज के दिनों में की थी । भगवती चरण वर्मा हिन्दी जगत के जाने माने विख्यात उपन्यासकार हैं । आपके सभी उपन्यासों में एक विविधता है । हास्य व्यंग्य, समाज, मनोविज्ञान और दर्शन सभी विषयों पर उपन्या...
Life and works of Bhagwati Charan Verma, b. 1903, Hindi writer.
लब्धप्रतिष्ठ कथाकार भगवतीचरण वर्मा की कहानियों में हमारे जीवन के सुख-दु:ख, प्रेम-घृणा, अहं, अंध-आस्था, राजनीति का छिछोरापन और धार्मिक उन्माद का जीवन्त चित्रण तो मिलता ही है, तरल संवेदनाओं की एक सतत प्रवहमान धारा भी दिखती है। कहानी का विषय चाहे कुछ भी हो, भगवतीचरण वर्मा ...
“मैं यह अच्छी तरह जनता हूँ कि मरने के बाद मेरा नाम ही रह जाएगा ! यह नाम भी कब तक रहता है, कुछ कहा नहीं जा सकता ! और नाम का रहना या न रहना मेरे लिए महत्त्व का नहीं है ! लेकिन अपना नाम सैकड़ों-हजारों वर्ष चले, इसकी अभिलाषा अपनी इस लापरवाही वाली अकड़ के बावजूद, मन के किसी कोने में जब ...
Complete works of a Hindi litterateur.
Study of the novels of Bhagwati Charan Verma, b. 1903, Hindi author with special reference to the depiction of different categories of persons and society.
Urdu Translation By Rattan Singh Of Kartar Singh Duggal'S Punjabi Novel Haal Muridan Da.